29-Mar-2017
वनवासी क्षेत्र में अशिक्षा तथा धर्मान्तरण की विशेष समस्या है | वनांचल में निवास करने वाले वनवासी बंधू के सर्वांगीर्ण विकास के लिए संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वावलंबन हेतु विद्या भारती द्वारा प्रांत में कार्य करने के लिए भाउराव देवरस सेवा न्यास का गठन किया गया है | न्यास द्वारा निशुल्क सरस्वती एकल विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है | न्यास के उक्त्त कार्य बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, रायसेन जिलों में संचालित किये जा रहे हैं |
न्यास द्वारा किये जा रहे कार्य
- ६१० सरस्वती एकल आचार्य विध्यालय
- १० जनजातीय छात्रावास
- ५००० लाभान्वित भैया / बहिन संख्या
- ६१० आचार्य

विविध कार्यक्रम
- हरियाली अमावस्या
- गुरु पूर्णिमा उत्सव
- श्री गणेश उत्सव
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
- भजन मंडल
- मकर संक्रांति

रामकथा आयोजन
रायसेन जिले के गोरखपुर वनवासी ग्राम में पंडित श्याम स्वरुप जी महाराज की सात दिवसीय राम कथा का आयोजन हुआ |जिसमें लगभग ३५०० वनवासी बंधुओं ने अपार श्रद्धा के साथ पुण्य लाभ लिया |

वनदर्शन यात्रा
दिनांक २७-२८ नवम्बर २०१० को लगभग १५० चयनित ग्रामों में वनदर्शन कार्यक्रम आयोजित हुआ | विद्याभारती का कार्य वनवासी क्षेत्र में पहुंचे एवं शहरी बंधुओं के मन में वनवासी बंधुओं के प्रति संवेदनाएँ जाग्रत हों , वनवासियों की जीवन - चर्या व जीवन स्तर की अनुभूति प्रत्यक्ष ग्रामों में जाकर उनके बीच में दो दिन रूककर प्राप्त की गई | वहां के जनजीवन में व्याप्त अभाव से प्रभावित होकर के वन यात्रा में सम्मिलित होने वाले कार्यकर्ताओं ने १२२ सरस्वती संस्कार केंद्र गोद लेने का संकल्प लिया जिसका अनुमानित व्यय १५-१५ हजार रुपये प्रस्तावित है |

वनदर्शन कार्यक्रम एक दृष्टी में (१५० चयनित ग्रामों )
- सहभागी आचार्य, प्रधानाचार्य संख्या २३४
- महिला आचार्यों की संख्या ४७
- प्रबंध समिति के सदस्यों की संख्या ८६
- अभिभावक एवं सहयोगी कार्यकर्ता १२०
- प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी संख्या १६
- वनवासी क्षेत्र के प्रवासी कार्यकर्ता ८७
- केंद्र आचार्य की संख्या ८४९
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29-Mar-2017
भाऊराव देवरस सेवा न्यास मध्यप्रदेश
वनवासी क्षेत्र में अशिक्षा तथा धर्मान्तरण की विशेष समस्या है | वनांचल में निवास करने वाले वनवासी बंधू के सर्वांगीर्ण विकास के लिए संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वावलंबन हेतु मध्यभारत प्रांत में कार्य करने के लिए भाउराव देवरस सेवा न्यास का गठन किया गया है |
न्यास द्वारा वर्तमान में 610 निशुल्क सरस्वती एकल विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है |
न्यास के उक्त्त कार्य बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, रायसेन, अलीराजपुर जिलों में संचालित किये जा रहे हैं|
झुग्गी झोपड़ी व पिछड़ी बस्तियों में भैया- बहनों के संस्कार के लिए केंद्र संचालित हैं । इन केन्द्रों के संचालन में प्रति केंद्र लगभग १० हजार रूपए वार्षिक व्यय आता है । प्रान्त में वर्तमान में 241 संस्कार केंद्र संचालित है .
भाउराव देवरस सेवा न्यास द्वारा दूरस्थ वनांचलों में एकल शिक्षक विद्यालय चलाए जा रहे हैं । इन केन्द्रों के संचालन में प्रति केंद्र लगभग १५ हजार रूपए वार्षिक व्यय आता है ।
प्रान्त में वर्तमान में 610 एकल विद्यालय संचालित है . यह विद्यालय बैतूल,हरदा,होशंगाबाद,रायसेन जिले में संचालित है.
जनजाति छात्रावास
भाउराव देवरस सेवा न्यास द्वारा चार आवासीय जनजातीय छात्रावास का संचालन भी किया जा रहा है। उक्त्त छात्रावासों में जनजातीय छात्रों के आवास, भोजन एवं शिक्षा की निःशुल्क व्यस्था की गई है।
भाउराव देवरस सेवा न्यास द्वारा 10 आवासीय जनजातीय छात्रावास का संचालन भी किया जा रहा है |उक्त्त छात्रावासों में जनजातीय छात्रों के आवास, भोजन एवं शिक्षा की निःशुल्क व्यस्था की गई है |
क्रमांक |
प्रकल्प का नाम |
छात्र |
छात्रा |
आचार्य |
1 |
रानी दुर्गावती बालिका छात्रावास,रायसेन |
0 |
135 |
5 |
2 |
जनजाति छात्रावास मटकुली, होशंगाबाद |
24 |
0 |
2 |
3 |
जनजाति छात्रावास कायदा, हरदा |
20 |
0 |
2 |
4 |
जनजातीय छात्रावास सिअरमऊ, जिला रायसेन |
40 |
0 |
4 |
5 |
बिरसा मुंडा छात्रावास ,ढाबा (भैसदेही) |
35 |
0 |
2 |
6 |
भारत भारती जनजातीय छात्रावास, बैतूल |
43 |
0 |
4 |
|
योग |
162 |
135 |
19 |
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29-Mar-2017
आचार्य सुरक्षा न्यास
सरस्वती विद्यालय प्रतिष्ठान से सम्बद्ध विद्यालयों के आचार्य एवं कर्मचारियों के हितो को ध्यान में रखते हुए 'आचार्य सुरक्षा न्यास' का गठन किया गया है | यदि किसी आचार्य / कर्मचारी का सेवाकाल में ही निधन हो जाता है या कार्य में पूर्णत: अक्षम हो जाता है तथा वह न्यास की योजना का सदस्य है तो न्यास की ओर से उसके परिजनो को २५,००० /- रूपए की सहायता देने का प्रावधान है | इस हेतु सदस्यता शुल्क राशी ८०० /- रूपए (आचार्य से ४००/- एवं प्रबंध समिति ४००/- ) भेजकर इसकी सदस्यता प्राप्त की जा सकती है |
सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान परिवार कल्याण कोष
सत्र २०१०-११ से प्रधानाचार्य, पूर्णकालिक कार्यकर्ता एवं प्रतिष्ठान के वैतनिक कार्यकर्ताओं के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाए बनाई गई है | इसमें ५ रूपए प्रति बालक विद्यालय से प्रांतांश लिया जाता है |
विद्यालय परिवार कल्याण कोष
समस्त आचार्य एवं शिशु मंदिर योजना से जुड़े अन्य कार्यकर्ताओं के लिए विद्यालय परिवार कल्याण कोष की स्थापना की गई है |
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